किन्नौर हिमाचल प्रदेश में स्थित एक बेहद खूबसूरत जिला है। यहॉं की हरी-भरी घाटियॉं, बर्फ से ढ़के उँचे-उँचे पहाड़, सेब के बगान, अंंगूर के बगान, चारगाह एवं विभिन्न प्रकार के स्पोर्ट एक्टिविटी हर वर्ष लाखों सैलानियां को अपनी ओर खींच ले जाती है। इसी कारण इसे लैंड ऑफ फेरीटेल के नाम से जाना जाता है।
किन्नौर कैलाश ट्रेक किन्नौर का सबसे प्रसिद्ध ट्रेक है यहॉं पर भगवान शिव की प्राकृतिक शिवलिंग है। तिब्बत से लगा चितकुल गॉंव जिसे भारत का आखिरी गॉंव के नाम से जाना जाता है वह भी किन्नौर का मुख्य आकर्षक बिन्दु है इसके अलावा नाको, रिकांगपियो, सांगला, कल्पा, यहां के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल हैं।
सांगला घाटी और हैंगरैंग घाटी किन्नौर की दो प्रसिद्ध घाटियॉं हैं यह दोनों घाटियॉं अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जानी जाती हैं। किन्नौर के उत्तर में लाहौल-स्पीति घाटियॉं हैं तथा उत्तर पूर्व में तिब्बत सीमा है।
कल्पा Kalpa in Hindi
कल्पा किन्नौर हिमाचल प्रदेश का ही नहीं बल्कि भारत का प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहॉं की प्राकृतिक सुन्दरता देखते ही बनती है यह एक छौटा सा गॉंव है इस गॉंव के चारो ओर सेब के बगान हैं जो यहॉं के निवासियों की जीविका का प्रमुख स्रोत है। सेलानी इन सेब की बागों में घूमते हैं और सुन्दर नजारों का आनन्द उठाते हैं।
कल्पा से ही किन्नर-कैलाश की श्रेणी के मनमोहक दृश्य देखने को मिलते हैं। खासतौर से जब सूर्योदय और सूर्यास्त के समय जब सूर्य की किरणें किन्नाैैर-कैलाश के बर्फ से ढ़की सफेद चादर पर पड़ती हैं तो यह नजारा ऑंखों में समा जाता है जो जीवन-पर्यन्त के लिए एक याद बन जाती है। अगर आप भाग्यशाली हुए और मौसम साफ रहा तो कैलाश श्रेणी पर 6500 मीटर की उंचाई पर स्थित शिवलिंग दिखाई देगी जो दिन-भर में कई रंग बदलती है।
कल्पा में ही आपको श्याम सरन नेगी मिलेंगे जो भारत के आजादी के बाद 1951 के चुनाव में प्रथम वोट की थी इन्हें भारत का प्रथम वोटर के नाम से जाना जाता है। प्राचीनकाल से ही तिब्बतवासी किन्नौर के रास्ते से भारत आया करते थे इसलिए कल्पा में हिन्दू और बौद्ध संस्कृति का अनूठा संगम देखने को मिलता है। कल्पा समुद्रतल से लगभग 2800 मीटर की उंचाई पर स्थित है जो शिमला से लगभग 260 किलोमीटर की दूरी पर है।
नाको विलेज Nako village in hindi
नाको किन्नौर हिमाचल प्रदेश के सबसे खूबसूरत पर्यटन-स्थलीय स्थानों में से एक है जो समुद्र तल से लगभग 12000 फिट की उंचाई पर स्थित है। यह गॉंव इण्डो-चाइना पर स्थित है जो कल्पा से लगभग 120 किलोमीटर की दूरी पर है। विदेशी यात्रियों को इस गॉंव में आने के लिए परमिट की जरूरत पड़ती है जो शिमला से ले सकते हैं।
नाकों में एक खूबसूरत लेक है जिसे नाको लेक के नाम से जाना जाता है यह सर्दियों में फ्रीज हो जाती है जिसके कारण बड़ी मात्रा में सौलानी आइस-स्केटिंग के लिए यहां आते हैं। नाकों में ही 10वीं शताब्दी की बनी एक मोनेस्ट्री है सैलानी अक्सर यहॉं घूमने जाते है और भारत-तिब्बत के मिक्स कल्चर का आनन्द उठाते हैं।
चितकुल विलेज Chitkul village in hindi
प्रकृति की वादियों में बसा यह गॉंव भारत का आखिरी गॉंव के नाम से जाना जाता है। यह गॉंव हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में बासपा नदी के किनारे समुद्र तल से लगभग 11320 फिट की उंचाई पर बसा है।
प्रकृति की गोद में बसा यह गॉंव भारत के सबसे सुन्दर और सबसे अच्छे गॉंवों में से एक है। इस गॉव के किनारे हिमालय से लिकलती हुई बासपा नदी और बर्फ की चादर से ढ़की हुई कैलाश श्रेणी की उंची-उंची चोटियॉं हर साल हजारों सैलानियों, प्रकृति प्रेमियों, और एडवंचर के सौकीनों को अपनी ओर खींच ले आती है।
हिन्दुस्तान का आखिरी ढ़ाबा
इसी गॉंव में एक ढ़ाबा मिलेगा जो हिन्दुस्तान का आखिरी ढ़ाबा के नाम से प्रसिद्ध है सैलानी जब चितकुल आते हैं तो इस ढ़ाबे मे जरूर जाते हैं।
बासपा नदी का किनारा
चितकुल से ही कुछ मीटर का ट्रेक करके ग्लेशियर से निकली हुई बासपा नदी के किनारे पहुँच सकते हैं। नदी के दोनों किनारों देवदार के पेड़, बर्फ की सफेद चादर से ढ़का हुआ हिमालय, बासपा नदी का ठण्ड़ा नीला पानी एक अदभुत दृश्य देखने क मिलता है।
सांगला घाटी sangla valley in hindi
वैसे तो हिमाचल प्रदेश में कई घाटियॉं हैं- डलहौजी घाटी, स्पीति घाटी, लाहौल घाटी, बासपा घाटी लेकिन सांगला घाटी की खूबसूरती अपने आप में अलग है क्योंकि यह घाटी अपने पहाड़ो की ढलानों, देवदार के जंगलों और बर्फ से ढकी पहाड़ो से लेकर सेब के बाग और स्वादिष्ट चेरी के बगानों के लिए भी प्रसिद्ध है जिसकी वजह से यह बड़ी संख्या में शैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती है। यह घाटी कैम्पिंग और ट्रेकिंग के लिए भी जानी जाती है। सांगला घाटी तक दुनिया की सबसे खतरनाक और सबसे उंची सड़कों में से एक है जिसके कारण यात्रा और भी रोमांचक हो जाती है। इसके अलावा यह घाटी मंदिर और किले से लेकर आस-पास के गई गाँवों तक कई आकर्षक स्थलों से घिरी है।
किन्नौर हिमाचल प्रदेश जिले में स्थित सांगला वैली तिब्बत सीमा के करीब है। शिमला से लगभग 220 किलोमीटर की यात्रा करने पर आप सुंदर सांगला वैली में पहुंचेंगे। सांगला घाटी को ट्विन सिटी भी कहा जाता है क्योंकि इसके नजदीक ही कल्पा शहर भी मौजूद है यह जगह कुदरती सुंदरता से भरी हुई है।
रक्छम विलेज (Rakchham village in hindi)
रक्छम गॉंव प्रकृति की गोद में बसा हुआ एक बहुत ही खूबसूरत गॉंव है। यह गॉंव बसपा नदी के किनारे स्थित है जहॉं पर वर्ष भर हरी-भरी वनस्पतियों, पेड़-पौधों से घिरा रहता है जो समुद्र तल से लगभग 3200 मीटर की उंचाई पर स्थित है। रक्छम गॉंव भारत के रिमोट प्लेस में से एक जहॉं पर अभी तक पेट्रोल पम्प, इंटरनेट सेवायें, डाक सुविधा की कमी है इसका कारण भी है क्योंकि यहां भारी मात्रा में बर्फबारी होती है जिसके कारण यहॉं के लोगों को सर्दियों में पलायन करना पड़ता है अप्रैल के महीने से फिर से लौटना प्रारंभ कर देते हैं।
कामरू फोर्ट – Kamru fort kinnaur in hindi
कामरू किला किन्नौर जिले के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यह किला सांगला घाटी से लगभग २ किलोमीटर दूर कामरू गॉंव में लगभग 2600 मीटर की उंचाई पर स्थित है यह किला कलात्मक और ऐतिहासिक दृष्टि से सांगला घाटी का प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है। यह किला शिमला से लगभग 230 की दूर है।
असम में कामाख्या देवी का प्रसिद्ध मंदिर है यह किला उन्हीं देवी को समर्पित है। इस किले के तीसरी मंजिल पर मॉं कामाख्या देवी की एक बड़ी मूर्ति स्थापित है जबकि मुख्य प्रवेश द्वार पर भगवान बुद्ध की एक बड़ी मूर्ति स्थापित है। इस किले का निर्माण लगभग 15वीं शताब्दी में हुआ था।
सांगला मेदो – sangla meadow in hindi
सांगला मेदो किन्नौर हिमाचल प्रदेश में प्रकृति निवास करती है जहॉं हरे-भरे घास के मैंदान हैं और बर्फ से ढ़का हुआ हिमालय चारो ओर देवदार के वृक्ष जिसको देखकर मन को शांति मिलती है। यहां आकर पर्यटक अपने मन और आत्मा दोनो को ही शांति मिलती है। अगर आप सांगला घाटी की यात्रा कर रहे हैं तो सांगला मेदो आना कभी न भूले यह एक बहुत ही खूबसूरत स्थान है।
बेरिंग नाग मंदिर – Bering nag temple kinnaur in hindi
बेरिंग नाग मंदिर एक बहुत ही खूबसूरत मंदिर है जो किन्नौर हिमाचल प्रदेश जिले का प्रमुख आकर्षक स्थल हैं। यह मंदिर अपनी वास्तुकला और स्थापत्य कला के लिए जाना जाता है जो भगवान जगस को समर्पित है। । जो भी शैलानी सांगला घाटी की शैर करने के लिए जाते हैं उन्हें बोरिंग नाथ मंदिर के दर्शन करने के लिए एक बार जरुर जाना चाहिए। बेरिंग नाग मंदिर हिंदुओं के प्रमुख मंदिरों में से एक माना जाता है। इस मंदिर में अगस्त और सितंबर के महीनों में हर वर्ष फलिच मेले का आयोजन किया जाता है अगर आप इन महीनों में जा रहें हों तो फलिच मेले का आनंद भी ले सकते हैं।
बाटसेरी गाँव – Batseri village kinnaur in hindi
बाटसेरी गॉंव किन्नौर हिमाचल प्रदेश जिले के सांगला से लगभग 8 किमी दूर स्थित है जहॉं पर आप कुछ आकर्षक और प्रसिध स्थानीय हस्तशिल्प खरीद सकते हैं। इस गॉंव में हस्तनिर्मित शॉल और किन्नौरी टोपी शॉल के लिए प्रसिद्ध है। अगर आप इस गाँव की के सफर पर जा रहें हैं तो पाइन नट्स या चिलगोजा पाइन नट्स खरीदना कभी न भूलें, क्योंकि यह यहां उगाए जाते हैं और ट्राउट फिशिंग फॉर्म बाटसेरी गॉंव के पास ही है इसलिए आपको यहॉं भी जाना चाहिए।
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