अवध की शान लखनऊ वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश की राजधानी है जो अपने ऐतिहासिक धरोहरों, बागों, पार्कों और गंगा-जमुनी तहजीब के लिए जाना जाता है। इसी के साथ ही विभिन्न प्रकार के व्यंजनों के लिए भी मशहूर है।
लखनऊ उत्तर भारत का एक बहुत ही प्राचनी शहर है कहते हैं कि जब भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता अयोध्या से वनवास के लिए जा रहे थे तब एक रात यहीं पर गोमती नदी के तट पर एक रात बितायी थी तभी से इस जगह का नाम लखनावती और लक्ष्मणपुरी पडा था और फिर बाद में लखनउ नाम पडा।
लखनऊ के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल – famous tourist places lucknow in hindi
1. बड़ा इमामबाड़ा भूल भुलैया लखनऊ - bada imambara lucknow in hindi
लखनऊ की शान बडा इमामबाडा या फिर भूल-भुलैया स्थापत्य कला का बेजोड नूमना है। इस इमामबाडा का निर्माण सन 1784 में आसफ-उत-दौला ने करवाया था जो चारबाग रेलवे स्टेशन से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर बना है।है। इस इमामबाडे में कई गुफायें हैं कहते हैं कि ये गुफायें दिल्ली व अन्य शहर को जाती हैं। इसके अलावा इसका निर्माण इस तरह से करवाया गया है एक अनजान व्यक्त्ति यहां अपना रास्ता भूल सकता है और बाहर निकलना बहुत मुश्किल होगा इसिलए इसे भूल-भुलैया भी कहते हैं। इसी इमामबाडे में एशिया का सबसे बडा हाल भी मौजूद है जो बिना किसी बीम के बना है। कहते हैं कि आसफ उदृदौला ने इस इमाम बाडे का निर्माण लोगों को रोजगार देने के लिए बनवाया था।
वर्तमान CCTV आधारित तकनीक भी देखने को मिलेगी जहॉं से दुश्मनों पर नजर रखी जाती थी। इस इमामबाडे के छत से गामती नदी तथा प्राचीन लखनऊ पर्यटक को कारीब से देख सकेंगे। अगर आप लखनउ जा रहे हैं तो यहॉं जाना बिल्कुल भी न भूलें।
2. अम्बेडकर मेमोरियल पार्क लखनऊ – ambedkar memorial park lucknow in hindi
वर्तमान समय में अंबेडकर पार्क लखनऊ पर्यटक का प्रमुख पर्यटक स्थल है यहॉं पर कई बालीबुड फिल्में – टॉयलेट, बुलेट राजा, दावत-ए-इश्क जैसी फिल्मों की शूटिंग हुई है इसके अलावा बहुत सारे वेडिंग फोटो व वीडियो सूट होते रहते हैं।
यह पार्क गोमती नदी के किनारे चारबाग रेलवे स्टेशन से लगभग 8 किलोमीटर दूर स्थित है जो करीब 108 एकड में फैला हुआ है। इस पार्क में सफेद पत्थर व लाल बलुआ पत्थरों का बहुत ही खूबसूरती से निर्माण किया गया है।
इस पार्क में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर, महात्मा ज्योतिबा फूले, छत्रपति शाहूजी महाराज, गौतम बुद्ध, संत कबीर दास, बिरसा मुंडा और गुरु घासीदास की मूर्तियॉं बनी हुईं हैं। इसके अलावा 62 हाथियों की मर्तियों का भी निर्माण करवाया गया है।
अगर आप लखनऊ जा रहे हैं तो शाम के वक्त यहॉ जाना न भूलें क्योंकि शाम के समय पूरा पार्क व गोमती नदी रीवर फ्रंट जगमगाता हुआ दिखाई देता है जो अत्यन्त मनमोहक लगता है।
3. पिक्चर गैलरी लखनऊ – Picture Gallery Lucknow in hindi
लखनऊ की पिक्चर गैलरी लखनऊ पर्यटक के प्रसिद्ध ऐतिहासकि स्थलों में से एक है यहॉं पर सभी अवध के सभी नवाबों की पिक्चरों को दर्शाया गया है। इस पिक्चर गैलरी की तस्वीरों को ब्रिटेन के चित्रकार ट्रेस हैरिसन और कोलकाता के चित्रकार आए एल.एस. गाड बनाया है।
इन पिक्चरों की खास बात यह है कि यहां की सारी पिक्चर मूविंग पिक्चर है वहीं कुछ पिक्चरों पर सूरज की किरणें और चांद की रोशनी पडने से अद्भुत दृश्य बनता है जो अत्यंत ही खूबसूरत लगता है।
4. सआदत अली खान का मकबरा लखनऊ – Saadat Ali Khan Maqbara Lucknow in hindi
सआदत अली खान का मकबरा स्थापत्य कला की दृष्टि से बहुत ही खूबसूरत है यह मकबरा लखनऊ के कैसरबाग में स्थित है जो चारबाग से लगभग 4 किलोमीटर दूर है। काले व सफेद संगमरमर पत्थरों से निर्मित यह मकबरा एक गुलदस्ते जैसा लगता है जो देखने में बहुत ही खूबसूरत लगता है। इस मकबरे में दो कब्र हैं एक नवाब सआदत अली खान की और दूसरी उनकी बेगम खुर्शीद जादी की।
5. लखनऊ रेजीडेन्सी – lucknow residency in hindi
1857 क्रांति की गवाह बनी लखनऊ रेजीडेन्सी आज भी उस समय की झलक दिखलाती है। इस रेजीडेन्सी का निर्माण आसफउदृदौला ने सुरू करवाया था 1800 में नवाब सा-आदत अली खॉं ने इस पूरा करवाया।
1757 की प्लासी क्रांति तथा 1764 की बक्सर की लडाई के बाद अंग्रेजों सम्पूर्ण भारत पर अपना अधिपत्य स्थापित करना था जिसके तहत डलहौजी ने Doctrine Policy के तहत नवाब वाजिद अली शाह को गिरफ्तार करवा लिया और लखनऊ में अपना एक रेजीडेन्ट नियुक्त कर दिया। इसके बाद बेगम हजरत नें 1857 की क्रांति का नेतृत्व किया परन्तु अंग्रेजों की बडी संख्या के सामने ज्यादा समय टिक न सकीं और अन्तत: पलायन करना पडा।
वर्तमान समय में यह रेजीडेन्सी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन है। यहाँ पर अभी भी तोपों के दागने के निशान देखे जा सकते हैं और समय की कहानी बयान करता हुआ एक छोटा सा म्यूजियम भी है।
6. लखनऊ चिड़ियाघर – lucknow chidiyaghar
लखनऊ चिडियाघर हजरतगंज में सिविल हास्पिटल के पास स्थ्ति है जिसकी दूरी चारबाग रेलवे स्टेशन से करीब 4 किलोमीटर है। यह चिडियाघर सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक खुला रहता है तथा टिकेट 100 रूपये है तितली पार्क, म्यूजियम, व ट्रेन की टिकेट अलग से लेना पडता है।
लखनऊ चिड़ियाघर में आपको बंगाल टाइगर, बब्बर शेर, भालू, हिरन, बारहसिंहा, घडियाल, जिराफ, हुक्कू बंदर, शुतुरमुर्ग, मगरमच्छ, तेंदुआ, व विभिन्न प्रकार के पक्षी देखने को मिलेंगे।
इसके अलावा एक ट्वाय ट्रेन भी चलती है जो सम्पूर्ण चिडियाघर घुमाती है जिसकी टिकट 60 रूपये है। चिडियाघर के मध्य में नौकाविहार भी कर सकते हैं जिसके पास कई रेस्टोरेन्ट भी मौजूद हैं।
7. मरीन ड्राइव लखनऊ – marine drive lucknow in hindi
मरीन ड्राइव लखनऊ में कपल्स के लिए सबसे पसंदीदा स्थान है यह चारबाग से लगभग 8 किलोमीटर दूर गोमती नदी के किनारे है यहाँ की शाम बहुत ही खूबसूरत होती है। यहॉं बच्चे तथा बडे सभी लोग जा सकते हैं पिकनिक मना सकते हैं आसक्रीम व पानीपुरी का लुफ्त भी उठा सकते हैं।
8. कैसर बाग पैलेस लखनऊ – kaiserbagh palace lucknow in hindi
इस पैलेस का निर्माण नवाब वाजिद अली शाह ने सन् 1847 में करवाया था। यह पैलेस मुगल और यूरोपीय शैली को दर्शाता है।
9. फ़ीनिक्स पैलेसियो लखनऊ – Phoenix Palassio lucknow in hindi
फीनिक्स पालासिओ लखनऊ का ही नहीं बल्कि पूरे भारत के सबसे बडे मॉल में से एक है। यह मॉल चारबाग रेलवे स्टेशन से लगभग 15 किलोमीटर दूर अटल बिहारी बाजपेई क्रिकेट स्टेडियम के पास मौजूद है।
फीनिक्स पालासिओ मॉल जुलाई 2020 में बनकर तैयार हुआ है इस मॉल में 300 से भी ज्यादा ब्रॉंड देखने को मिलेंगे। इसके अलावा आइनाक्स मेगाप्लेक्स सिनेमा भी इसी मॉल में दखने को मिलेगा जिसमें (I MAX, MX4D, INSIGNIA) जैसी स्क्रीन देखने को मिलेंगी। यह लखनऊ का पहला आई मैक्स सिनेमा है।
लखनऊ के युवाओं के लिए हैंगआउट, शांपिंग और फन के लिए यह मॉल सबसे ज्यादा आकर्षित कर रहा है।
10. हुसैनाबाद घंटाघर लखनऊ – husainabad ghntaghar lucknow
यह क्लॉक टावर भारत का सबसे लम्बा क्लॉक टावर है जिसकी ऊंचाई 67 मीटर यानी 221 फीट है। इसके अलावा पेंडुलम की लंबाई 14 फीट है। यह घंटाघर विक्टोरियन गोथिक शैली को दर्शाता है इस क्लॉक टावर का निर्माण 1887 में नवाब नसीरुद्दीन हैदर ने सर जॉर्ज कपूर की आगमन पर करवाया था। लखनऊ पर्यटक में यह भी अहम भूमिका निभाता हैI
11. दिलकुशा कोठी लखनऊ – dilkusha kothi lucknow in hindi
इस महल का निर्माण 1800 में मेजर गोर द्वारा बारोक शैली में किया गया था I
12. अमीनाबाद बाजार तथा मंगल बाजार लखनऊ – aminabad bazar mangal bazar lucknow
अमीनाबाद बाजार चारबाग से थोडी दूर पर लगती है जहॉं पर प्रत्येक सप्ताह के मंगलवार भारी-भरकम भीड देखने को मिलती है। इस बाजार में लखनऊ के प्रसिद्ध चिकनकारी कपडे तथा जूते-चप्पल, व सभी प्रकार के घरेलू सामग्री खरीदने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। इसके अलावा विद्यार्थियों के लिए नयी तथा पुरानी किताबें भी मिलती हैं।
मंगल बाजार आलमबाग में प्रस्तेक सप्ताह के मंगलवार के दिन लगती है यह बाजार भी लखनऊ पर्यटक की प्रमुख आकर्षक है।
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