चंद्रशिला उत्तराखंड के सबसे प्रसिद्ध ट्रेकिंग डेस्टिनेशन में से तृतीय केदार के नाम से प्रसिद्ध जाना जाता है। तुंगनाथ चंद्रशिला शिखर ट्रेक की समुद्रतल से ऊँचाई 4000 मीटर (13,120 फ़ीट ) है तथा तुंगनाथ की समुद्रतल से ऊंचाई 3680 मीटर है। यह ट्रेक चोपता से शुरू होता है चोपता (समुद्रतल से ऊंचाई 2680 मीटर) जहॉं से अनेक हिमालय की चोटियॉं दिखाई देती हैं जैसे – नंदादेवी (विश्व की चौथी सबसे ऊँची चोटी), चौखम्बा, बुग्याल, त्रिशूल, केदार और बन्दरपूँछ आादि हिमालय की पर्वत श्रँखलाओं के मनोरम दृश्य को यहॉं से देखा जा सकता है।
चंद्रशिला (उत्तराखण्ड) का इतिहास – Chandrashila (Uttrakhand) History in Hindi
पौराणिक कथाओं के अुनसार चंद्रशिला का इतिहास बहुत ही पुराना है माना जाता है कि प्रजापति राजा दक्ष प्रजापति राजा रक्ष की पुत्री रोहिणी नाम की कन्या से चंद्रमा को प्यार हो जाता है लेकिन जब इस बात का पता राजा दक्ष को चलता है तो वे चन्द्रदेव को श्राप दे देते हैं जिससे चंद्रमा को क्षय रोग हो जाता है इस क्षय रोग (TB) से मुक्ति पाने के लिए चंद्रदेव तुंगनाथ के पास आकर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या करते हैं और भगवान शिव चंद्रमा की तपस्या से प्रसन्न हो जाते हैं और चन्द्रमा को क्षय रोग से मुक्त होने का आशीर्वाद भी देते है।
तभी से ऐसा कहा जाता है चंद्रमा द्वारा की गई कठोर तपस्या की वजह से इस स्थान को चंद्रशिला कहा जाता है। चंद्रशिला के शिखर पर एक बहुत छोटा-सा मंदिर भी बना हुआ है चंद्रशिला समिट पूरा होने के बाद यहाँ आने वाले सभी ट्रेकर्स इस मंदिर के दर्शन जरूर करते है। पौराणिंक कथाओं के अनुसार रावण का वध करने के पश्चात भगवान राम ने इस जगह पर ब्राम्हण हत्या के अपराध से मुक्त होने के लिए यहॉं पर तपस्या की थी।
तुंगनाथ चंद्रशिला ट्रेक – Tungnath Chandrashila Trek in Hindi
तुंगनाथ चंद्रशिला शिखर पहुंचने के दो प्रमुख मार्ग प्रसिद्ध हैं – सबसे पहले रास्ते से आप चोपता से तुंगनाथ होते हुए चंद्रशिला के शिखर तक पहुँच सकते है यह सबसे छोटा ट्रेक है चन्द्रशिला पहुँचने का जो कि लगभग 5.5 किलोमीटर का है। अत्यधिक उँचाई के कारण ठण्डियों के मौसम में बहुत ज्यादा बर्फबारी होती है जिसकी वजह से यह ट्रेक बंद हो जाता है।
चंद्रशिला तक जाने वाला दूसरा ट्रेक जिसका उपयोग पूरे साल किया जाता है और लगभग सभी ट्रैकिंग ऑर्गनाइजेशन (organization) इसका उपयोग करती है। यह ट्रेक देवरियाताल चंद्रशिला ट्रेक के नाम से बहुत प्रसिद्ध है जिसकी ट्रेक की कुल दूरी 27 किलोमीटर है जो कि उखीमठ से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सरी गाँव से यह ट्रेक शुरू होता है।
तुंगनाथ उत्तराखण्ड मंदिर – Tungnath Temple Uttrakhand In Hindi
तु्ंगनाथ का ट्रेक करने में करीब 3 से 4 घण्टा का समय लग जाता है इसे दुनिया का सबसे उँचा शिव मन्दिर माना जाता है यहॉ श्र्रद्धालू दर्शन करके चन्द्रशिला चोटी की ओर बढते है चन्द्रशिला की दूरी तुंगनाथ से करीब 1.5 किलामीटर है।
चन्द्रशिला चोटी पहुँचने के बाद स्वर्ग के समान प्रतीत है यहॉं से बादलों को अपने से नीचे की ओर उडते हुए देख सकते हैं। इसके अलावा चन्द्रशिला से नन्दादेवी, केदार चोटी, त्रिशूल, और बन्दरपूछ की चोटियों की खूबसूरती शब्दों द्वारा बयां नहीं की सकती है।
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तुंगनाथ चन्द्रशिला शिखर घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit in Tungnath and Chandrashila Peak Trek In Hindi
चन्द्रशिला शिखर घूमने जाने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से लेकर अक्टूबर तक का होता है क्योंकि अक्टूबर बाद भारी मात्रा में बर्फबारी होती है जिससे ट्रेक का रास्ता बन्द हो जाता है। लेकिन एडवंचर के शौकीन कुछ लोग तुंगनाथ चन्द्रशिला विंटर ट्रेक भी करते हैं।
तुंगनाथ चन्द्रशिला शिखर कैसे पहुँचें – How to rech Tungnagh chandrashila peak in Hindi
रेल मार्ग द्वारा तुंगनाथ चन्द्रशिला शिखर कैसे पहुँचे – How to Reach Tungnath Chnandrashila by Train
तुंगनाथ चन्द्रशिला शिखर रेल मार्ग से जाने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश और हरिद्वार का हरिद्वार देश के लगभग सभी शहरों से रेल माध्यम से जुडा है। ऋषिकेश और हरिद्वार से तुंगनाथ ट्रेक की दूरी लगभग 300 किलोमीटर है।
हवाई जहाज से तुंगनाथ चन्द्रशिला शिखर कैसे पहुँचे – How To Reach Tungnath Chandrashila By Flight In Hindi
चोपता उत्तराखण्ड का सबसे नजदीक हवाई अड्डा जॉली ग्रांट हवाई अड्डा देहरादून हैं जिसकी दूरी तुगंनाथ से लगभग 227 किलोमीटर है।
बस और टैक्सी द्वारा तुंगनाथ चन्द्रशिला शिखर ट्रेक कैसे पहुँचे – How To Reach Tungnath Chandrashila By Bus and Taxi
अगर आप बस माध्यम द्वारा तुंगनाथ चंद्रशिला शिखर ट्रेक जाना चाहते हैं तब भी ऋषिकेश और हरिद्वार से आसानी से जा सकते हैं इसके अलावा अगर प्राइवेट टैक्सी से जाना चाहते हैं वो भी इन्ही शहरों से आसानी से मिल जायेंगी।