हरिश्चंद्रगढ़ महाराष्ट्र में मालशेज़ घाट के पास समुद्र तल से 1,422 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक बहुत ही खूबसूरत ट्रेक है। इसकी खूबसूरती और प्राकृतिक सौंदर्य देखने के लिए दूर-दूर से ट्रैकर यहां पर आते हैं और नाइट कैंपिंग करते हैं इसीलिए इसे ‘हरिशचंद्रगड़ ए ड्रीम ट्रैक‘ के नाम से लोकप्रिय है
हरिशचंद्रगड़ भौगोलिक दृष्टि के साथ-साथ ऐतिहासिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका उल्लेख मत्स्य पुराण और अग्नि पुराण में मिलता है जिसका इतिहास साढ़े तीन हजार साल पुराना है। इसके अलावा यहां पर सूक्ष्मपाषाणिक काल के मानव अवशेष भी प्राप्त हुए हैं।
हरिश्चंद्रगढ़ किला कहा है – Harishchandragad Fort Location
हरिश्चंद्रगढ़ किला महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में मालशेज घाट से करीब 6 किलोमीटर दूर, पुणे से करीब 170 किलोमीटर और मुंबई से करीब 220 किलोमीटर जबकि नासिक से करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। खीरेश्वर और पचनई यहां के प्रमुख है बेस विलेज हैं जहां से हरिशचंद्रगड़ का ट्रैक किया जाता है।
हरिश्चंद्रगढ़ में घूमने के स्थान – Harishchandragad Tourism in Hindi
हरिशचंद्रगड़ में पर्यटक विशेष रूप से ट्रैकिंग करने कोंकणकड़ा मैं कैंपिंग करने और प्राकृतिक नजारों का आनंद लेने के लिए पहुंचते हैं। हरिशचंद्रगड़ में तीन प्रमुख चोटियां हैं हरिश्चंद्र रोहिदास और तारामती तारामती हरिशचंद्रगड़ की सबसे ऊंची चोटी है जहां से सहयाद्रि के खूबसूरत नजारे दिखाई देते हैं।
तारामाची चोटी – Taramachi Peak in Hindi
तारामती चोटी हरिश्चंद्रगढ़ किले की सबसे ऊंची चोटी और महाराष्ट्र की तीसरी सबसे ऊंची चोटी है जिसकी ऊंचाई 1429 मीटर है। कोकंकड़ा से तारामती पीक का करीब आधे घंटे का खूबसूरत ट्रैकिंग है। इस चोटी पर पहुंचने के बाद सहयाद्री की अनेक पर्वत चोटियां देखी जा सकती हैं – जैसे कलसुबाई, रतनगढ़ और मालशेज घाट के खूबसूरत नजारे देखे जा सकते हैं।
कोकणकडा – Kokankada Trek in Hindi
कोकणकडा यहां का सबसे प्रसिद्ध आकर्षक स्थल है क्योंकि यहां पर सूर्योदय और सूर्यास्त का खूबसूरत नजारा शायद ही कहीं और देखने को मिलता हो। गर्मियों में यहां पर इंद्रधनुष का भी खूबसूरत नजारा दिखाई देता है। ट्रैकर्स बेस गांव से ट्रेकिंग करके यहां पर आते हैं और कैंपिंग करते है। गांव के लोकल लोग बहुत ही उचित दर पर कैंपिंग सामान उपलब्ध कराते हैं इसके साथ ही खाने क सुविधा भी प्रदान करते हैं।
हरिश्चंद्रेश्वर मंदिर – Harishchandreshwar Temple in Hindi
हरिशचंद्रगड़ के तारामती पर्वत पर लगभग 16 मीटर ऊंचा नवी शताब्दी में काले पत्थर से बनाया गया एक प्राचीन मंदिर है। यह एक खूबसूरत संरचना है जिसमें द्रविड़ शैली की छाप में दिखाई देती है। इसके मध्य में एक कुंड है जिसमें शिवलिंग स्थापित है। शिवलिंग के अलावा अन्य देवताओं की भी मूर्तियां हैं। इसमें आठ शिलालेख भी हैं जो संस्कृत भाषा में लिखे गए हैं।
हरिश्चंद्रगढ़ किला जाने का रास्ता – Harishchandragad Trek Route
हरिशचंद्रगड़ किले के लिए तीन प्रमुख रूट है नलिची वाट, खीरेश्वर गांव और पचनई गांव। नलिची वाट काफी कठिन रास्ता है जबकि पचनई गांव से ट्रे्रेक करना काफी आसान होता है। लेकिन इन तीनों में से सबसे फेमस रूट है खीरेश्वर बेस विलेज।
खीरेश्वर गॉंव हरिश्चंद्रगड किले का बेस विलेज – khireshwar Village
खीरेश्वर गांव रूट ट्रेकरर्स के लिए सबसे पसंदीदा है क्योंकि यह रास्ता खूबसूरत नजारों से होकर गुजरता है। यह रूट एक मध्यम रूट है जिसे पूरा करने में करीब 4 घंटे का समय लगता है। इस रूट से ट्रेकिंग करने के लिए ज्यादा अनुभव की जरूरत नहीं पड़ती है। खीरेश्वर गांव में लोकल लोग होमस्टे भी उपलब्ध कराते हैं जरूरत पड़ने पर यहां पर रुक भी सकते हैं।
पचनई गांव बेस विलेज से हरिशचंद्रगड़ ट्रेक – Pachnai Village
हरिशचंद्रगड़ के लिए पचनई गांव से ट्रेक करना सबसे आसान होता है इस बेस विलेज से beginners भी आसानी से ट्रेक कर सकते हैं। पचनई गॉंव पहाड़ों के बीच बसा एक खूबसूरत गांव है। लोकल लोग यहां पर भी होमस्टे की सुविधा उपलब्ध करते हैं।
नलिची वाट से हरिश्चंद्रगढ़ ट्रेक – Nalichi Vaat
नलिची वाट से हरिशचंद्रगढ़ किले के लिए ट्रेक करना सबसे मुश्किल होता है। इस रास्ते से जाने के लिए ट्रेकिंग का अनुभव होना चाहिए इसलिए इस रास्ते से बहुत कम लोग ट्रेक करते हैं। इस रूट में क्लाइंब भी करना पड़ता है इसलिए कोकोनकडा तक पहुंचने में 6 से 8 घंटा लग जाते हैं।
कोकनकड़ा हरिश्चंद्रगढ़ ट्रेक जाने का सबसे अच्छा समय – Best time to visit in Kokankada Harishchandragad in hindi
हरिश्चंद्रगढ़ किला कोकंकड़ा और तारामती घूमने के लिए ट्रेकर्स साल भर जाते रहते हैं लेकिन अक्टूबर से लेकर के फरवरी तक का महीना घूमने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि इस समय मौसम सुहावना होता है जिससे पर्यटक यहां पर कैंपिंग करते है रात में गैलेक्सी का खूबसूरत नजारा दिखाई देता है। इसके अलावा इस समय सहयाद्री की खूबसूरत पर्वत चोटियों को देखा जा सकता है। बहुत सारे पर्यटक हरिशचंद्रगड़ मानसून में आना पसंद करते हैं क्योंकि समय चारों ओर हरियाली होती है और कई सारे छोटे-छोटे झरने भी देखने को मिलते हैं।
हरिश्चंद्रगढ़ किला कैसे पहुँचें – How to reach Harishchandragad Fort in Hindi?
सड़क मार्ग से हरिश्चंद्रगढ़ किला कैसे पहुंचे – harishchandragad by bus in hindi
सड़क मार्ग से हरिश्चंद्रगढ़ किला आसानी से पहुंचा जा सकता है मुंबई से यह किला 101 किलोमीटर दूर, पुणे से 97 किलोमीटर दूर, नासिक से 68 किलोमीटर दूर जबकि अहमदनगर से 107 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है। महाराष्ट्र के सार्वजनिक बस और निजी बसों से इसके बेस विलेज यानी खीरेश्वर, नालीची वात और पचनई गांव तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।
अगर सार्वजनिक बस से आ रहे हैं तो खीरेश्वर से ट्रेक करना सबसे अच्छा रहेगा। खीरेश्वर के नजदीक खूबी फटा के लिए आसानी से मुंबई, अहमदनगर और पुणे से बस मिल जाती हैं उसके बाद खीरेश्वर आकर अपना ट्रेक शुरू कर सकते हैं।
ट्रेन से हरिश्चंद्रगढ़ किला कैसे पहुंचे – harishchandragad by train in hindi
हरिश्चंद्रगढ़ ट्रेक जाने के लिए सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन इगतपुरी है जो किले से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर है। इगतपुरी रेलवे स्टेशन मुंबई के कल्याण से और नासिक से अच्छी तरह कनेक्ट है। देश के सभी बड़े रेलवे स्टेशनों से कल्याण के लिए ट्रेन चलती हैं जहां से इगतपुरी जा सकते हैं। उसके बाद टैक्सी हायर करके किले के बेस विलेज तक पहुंच सकते हैं।
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