हर की पौड़ी भारत के सबसे पवित्र शहर हरिद्वार का एक बहुत ही प्रमुख और पवित्र घाट माना जाता है कहा जाता है कि यहां स्नान करने के मात्र से ही मोक्ष की प्राप्ति होती है। हरिद्वार पहला शहर है जहां मां गंगा हिमालय से उतर कर पूर्ण रूप से मैदानी भाग में प्रवेश करती हैं।
हिंदू धर्म के अनुसार हरिद्वार उत्तराखंड का एक बहुत ही प्रमुख शहर है क्योंकि यहां से हिंदू धर्म के चार धाम केदारनाथ बद्रीनाथ गंगोत्री और यमुनोत्री धाम का गेटवे माना जाता है। इसके अलावा हरिद्वार में विश्व प्रसिद्ध है महाकुंभ और अर्ध कुंभ का भी आयोजन बड़े धूमधाम से किया जाता है जिसमें शामिल होने के लिए ना सिर्फ भारत से बल्कि देश विदेश से भी लोग पहुंचते हैं। हरिद्वार में हर की पौड़ी के भव्य आरती भी बहुत प्रसिद्ध है इस भव्य आरती में हर शाम को हजारों लोग शामिल होते हैं।
हर की पौड़ी घाट का इतिहास – Har Ki Pauri Ghat Ka Itihas
हर की पौड़ी अर्थात हरि की पौड़ी का मतलब होता है भगवान की सीढ़ी माना जाता है। एक समय भगवान विष्णु यहां पर आए थे और उन्हीं के पदचिन्ह इस घाट पर बन गए जिसे मां गंगा हमेशा छूते हुए बहती रहती हैं।
यह भी माना जाता है कि समुद्र मंथन के समय जब देव और दाना अमृत के लिए लड़ रहे थे तब अमृत की बूंदें पृथ्वी पर भी पड़ी थी जिसमें कुछ बूंदे हर की पौड़ी घाट में भी पड़ी थी। इसीलिए इस घाट को बहुत पवित्र माना जाता है और कहा जाता है कि यहां स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

एक यह भी मान्यता है कि विक्रमादित्य के भाई राजा भर्तृहरि गंगा नदी के किनारे कई वर्षों तक तपस्या की थी जहां पर तपस्या की थी वहां पर राजा विक्रमादित्य ने पैड़ी नाम रखा। राजा भर्तृहरि के नाम में हरि नाम था जिसे बाद में इस घाट को हर की पौड़ी के नाम से पुकारा जाने लगा।
हर की पौड़ी जाने का सबसे अच्छा समय – Har ki Pauri Kb Jaaye
हर की पौड़ी में श्रद्धालु वैसे तो वर्ष भर आते रहते हैं लेकिन वर्ष के कुछ खास त्योहारों में वैसे वैशाखी और माघ मेला में ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचते हैं। सावन में हजारों लोग कावड़ यात्रा निकालते हैं जो कई दिनों तक पैदल चलकर हर की पौड़ी घाट पहुंचते हैं और स्नान करते हैं।

इसके अलावा हरिद्वार की हर की पौड़ी में प्रत्येक 12 वर्ष में महाकुंभ और 6 वर्ष में अर्ध कुंभ का आयोजन बड़े धूमधाम से किया जाता है जिस में शामिल होने के लिए देश विदेश से श्रद्धालु पहुंचते हैं। हर की पौड़ी घाट में प्रत्येक शाम को 6:00 से 7:00 महाआरती का आयोजन किया जाता है जिसमें हजारों द्वीप जलाए जाते हैं इस अलौकिक दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु इकट्ठा होते हैं और महाआरती का गुणगान करते हैं
हरिद्वार के हर की पौड़ी घाट कैसे पहुंचे – har ki pauri kaise jaye aur pahuche

हर की पौरी घाट हरिद्वार रेलवे स्टेशन से मात्र 3.4 कि.मी. है जहां से पैदल या फिर टैक्सी करके जाया जा सकता है। हरिद्वार रेलवे स्टेशन भारत के सभी बड़े रेलवे स्टेशन जैसे लखनऊ, दिल्ली, चंडीगढ़, वाराणसी, कोलकाता, भोपाल और जयपुर से अच्छी तरह कनेक्ट है इसलिए रेलवे माध्यम द्वारा हरिद्वार बहुत ही आसानी से पहुंचा जा सकता है।
इसके अलावा देहरादून, लखनऊ, दिल्ली और जयपुर से बस माध्यम द्वारा भी हरिद्वार पहुंचा जा सकता है। हरिद्वार का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जौली ग्रांट एयरपोर्ट है जो हरिद्वार से करीब 37 किलोमीटर दूर है। जौली ग्रांट एयरपोर्ट भारत के करीब सभी बड़े शहरों के एयरपोर्ट से कनेक्ट है इसलिए फ्लाइट से हरिद्वार आसानी से पहुंच सकते हैं।
1 thought on “हर की पौड़ी हरिद्वार – Hari Ki Pauri Hairdwar in Hindi”