स्पीति वैली हिमाचल प्रदेश (spiti valley trek trip himachal pradesh india)

स्‍पीति को धरती का स्‍वर्ग कहें ता गलत नहीं होगा बाइकर्स, ट्रेकर्स, एडवंचर लवर्स तथा प्रकृति प्रेे‍मि‍यों के लिए स्‍पीत‍ि घाटी किसी स्‍वर्ग से कम नहीं है। स्‍पी‍त‍ि वैली हि‍माचल प्रदेश में स्‍थि‍त एक ठण्‍डा रेगिस्तान है जो समुद्र तल से लगभग 3800 मीटर की उचाई पर हैI spiti valley (himachal pradesh) दुनिया की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है यहां बर्फ से ढके पहाड ऊँचे ऊँचे पहाड घाटियां लैण्‍डस्‍केप नजारे हर साल लाखों सैलानियों को अपनी ओर खींच लेती है।

स्‍पीत‍ि घाटी को द मिड‍िल लैंण्‍ड के नाम से भी जाना जाता है क्‍योंकि इसके उत्‍तर में लद्दाख, पूर्व में तिब्‍बत, तथा दक्षिण में किन्‍नौर की सीमा बनती है। वर्तमान समय में लद्दाख रीजन में ज्‍यादा भीड़-भाड़ होने की वजह से जयादातर बाइकर्स और एडवंचर लवर्स स्‍पीति की ओर अपना ध्‍यान खींच रहे हैं क्‍योंकि यहां की आबादी बहुत कम है और दुर्गम रास्‍तों के कारण यहां औसतन कम ही लोग पहुंच पाते हैं।

स्‍पीति वैली जाने का सबसे उचित समय (Best time to visit in Spiti Valley)

स्‍पीति समुद्र तल से लगभग 4000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है इसलिए यहां अत्‍यधिक मात्रा में बर्फबारी होती है जिसके कारण सड़क यातायात बंद हो जाता है जिसके कारण यहां पहुंचना अक्सर कठिन होता हैI

गर्मियों का मौसम यानी मार्च का सबसे अच्‍छा समय होता है स्‍पीति घाटी जाने के लिए यह वह समय होता है जब नीला आसमान होता है और चारो ओर बर्फ के पहाड़ और ठण्‍ड़ी-ठण्‍डी बर्फीली हवायें होती हैं जो स्‍पीति को एक परफेक्‍ट डेस्टिनेशन बनाती है।

सर्दियों का मौसम मतलब अक्‍टूबर से लेकर फरवरी तक विंटर एडवंचर होता है इस समय इस वैली के चारो ओर बर्फ की सफेद चादर नजर आती है और जिससे यह घाटी अंटार्कटिक के समान लगती है इसका अपने आप में एक अलग अनुभव होता है अगर आप एडवंचर के सौकीन हैं तो यह आपके लिए सबसे उचित समय होता है।

स्‍पीति‍ घाटी पहुंचने के साधन (How to reach Spiti Valley)

1 पहला मार्ग सिमला से स्‍पीति‍

दिल्‍ली से सिमला की दूरी 342 किमी तथा चण्‍डीगड से 120 किमी है। इन दोनों जगहों से सिमला पहुंचने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट या फिर प्राइवेट टैक्‍सी हायकर कर सकते है उसके बाद सिमला से एच. आर. टी. सी. की बस सुबह 5 बजे और शाम के 8 बजे से रिकांग‍ पियो के लिए जाती है या फिर प्राइवेट टैक्‍सी हायर कर सकते हैं सिमला से रिकांग पियो की दूरी 200 किमी है।

रिकांग पियो से आपका खूबसूरत सफर शुरू होता है जहां से आप सांगला, कल्‍पा, नाको, काजा, लांगजा और फिर किब्‍बर होते हुए चंद्रताल तक का पूरा सर्किट घूम सकते हैं।

2. मनाली मार्ग से स्‍पीति‍

अगर आपके पास स्‍पीति घूमने के लिए समय कम है तो मनाली सबसे अच्‍छा विकल्‍प है। मनाली से हिमाचल प्रदेश परिवहन बस या फिर प्राइवेट बस भी ले सकते हैं बस टिकट एक दिन पहले ही ले लें तो अच्‍छा होगा क्‍योंकि भीड़ अधिक होने की वजह से तुरन्‍त टिकट मिलने के अवसर थोड़ा कम ही होते हैं।

मनाली से बस रोहतांग पास और कुंजुम पास से होते हुए काजा तक पहुंचती हैं जिसकी दूरी लगभग 202 किमी और 10 से 12घण्‍टे तक का समय लग जाता है

रेल मार्ग द्वारा स्‍पीति

वर्तमान समय में स्‍पीति के लिए कोई भी रेल सुविधा उपलब्‍ध नहीं है। स्‍पीति का सबसे सबसे नजदीकी रेलवे स्‍टेशन जोगिन्‍दरनगर है जहां से स्‍पीति की दूरी लगभग 360 किमी है।

वायु मार्ग से स्‍पीत‍ि

स्‍पीति के सबसे नजदीकी हवाई अड्डा भुंतर हवाई अड्डा है जो मनाली से लगभग 150 किमी की दूरी पर है इसके अलावा चण्‍डीगढ़ एयरपाेर्ट है जहां से बस अथवा टैक्‍सी द्वारा मनाली पहुंच सकते हैं।

स्‍पीति वैली के प्रमुख पर्यटन स्‍थल (best places to visit in Spiti Valley)

1. चन्‍द्रताल लेक हिमाचल प्रदेश (Chandratal Lake Spiti Valley Himachal Pradesh in Hindi)

यह लेक प्रक़ति प्रेमियों, एडवंचर लवर तथा माउण्‍टेन ट्रेकर के लिए किसी स्‍वर्ग से कम नहीं है यह लेक हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्‍पीति जिले में कुंजुम दर्रा के निकट समुद्र तल से लगभग 4300 मीटर की उंचाई पर स्थित है। यह झील अपनी प्राकृतिक सुन्‍दरता, बर्फीली वादियों व अविष्‍मरणीय ट्रेक के लिए जानी जाती है।

झील, चन्‍द्रमा के समान दिखाई देती है इसलिए इसे चन्‍द्रताल कहते हैं इस झील से चन्‍द्र नदी का उद्गम होता है जो भागा नदी से मिलकर चन्‍द्रभग्‍गा नदी बनती है इसे ही भारत में चिनाब नदी के नाम से जाना जाता है।

चन्‍द्रताल ट्रेक का उचित समय जून से लेकर सितम्‍बर तक का होता है क्‍योंकि सर्दियों के दौरान भारी बर्फबारी के कारण रास्‍ते ब्‍लॉक हो जाते है और इसके अलावा बर्फीले तूफान व ठण्‍डी हवाओं के कारण मौसम प्रतिकूल होता है। जून में काफी हद तक बर्फ पिघल जाती है और ट्रेक आसान हो जाता है।

इस ट्रेक के दौरान एक अलग अहसास होता है चारो ओर उंची-उंची हिमालय की चोटियॉं, नीला आसमान ग्‍लेसियर मन मोह लेता हैा राम में आप यहां कैंपिंग भी कर सकते हैं जहां तारों का‍ टिमटिमना एक गैलेक्‍सी के समान लगता है जिसकी अनुभूति अपने-आप में एक अहसास पैदा करती है।

2.कॉमिक विलेज दुनिया का सबसे ऊँचा गॉंव (komic village world highest village)

कॉमिक विलेज एशिया का ही नहीं बल्कि दुनिया का सबसे ऊँचा गॉंव माना जाता है यह हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्‍पीति क्षेत्र में आता है जो समुद्र तल से लगभग 15000 फिट की उंचाई पर स्‍थित है। इस गाँव की जनसंख्‍या लगभग 120 है। यहां पर भारी बर्फबारी होती है इसलिए वर्ष के ६ महीने यहां के लोग न ही गॉंव के बाहर जा सकते हैं और न ही बाहर के लोग इस गॉंव आ सकते हैं इसलिए यहां के लोग 6 महीने का अनाज पहले से ही इकट्ठा कर लेते हैं। यह हिमालय की गोद में बसा एक बहुत खूबसूरत गॉंव है जिसकी खूबसूरती शायद शब्‍दों में बयां नहीं की जा सकती है।


इसी गॉंव में विश्‍व की सबसे बड़ी मोनेस्‍ट्री भी मौजूद है। यहां जाने के लिए सबसे पहले काजा जाना होगा फिर काजा से ही टैक्‍सी, बाइक या फिर स्‍कूटी रेन्‍ट पर ले सकते हैं। कॉमिक गॉंव जाने का सबसे अच्‍छा समय मई से लेकर अक्‍टूबर तक का होता है।

3. काजा स्‍पीति‍ वैली हिमाचल प्रदेश (kaza spiti valley himachal pradesh)

यह हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्‍पीति क्षेत्र में स्थित सबसे लोकप्रिय टूरिस्‍ट डेस्टिनेशन में से एक है। प्रकृति प्रेमी, रोमांच के शौकीन लोगों के लिए काजा स्‍वर्ग के सामान है। यहां पर बर्फ से ढ़की सुन्‍दर वादियॉं, कलरव करती नदियॉं, नीला आसमान, व हिमालय की उंची-उंची चोटियॉं किसी सपने के जैसे लगता है।

समुद्र तल से लगभग १२५०० फिट की उंचाई पर स्थित है जो मनाली से लगभग १८० किलोमीटर दूर ठण्‍ड़े रेगिस्‍तान में बसा है, भारी बर्फबारी के कारण नवंबर से लेकर मई तक बंद रहता है क्‍योंकि काजा पहुंचने के लिए जो मार्ग है कुंजुम पास और रोहतांग पास यह दोनों ही भारी बर्फबारी के कारण बर्फ से ढ़क जाते है और तापमान -३० डिग्री से भी ज्‍यादा चला चला जाता है इसलिए जून से लेकर अक्‍टूबर तक सक सबसे अच्‍छा समय होता है काजा और उसके आस-पास घूमने के लिए।
इसके पास ही पहाड़ों के बीच स्‍पीति नदी है यहां की सुन्‍दरता सैलानियों को खूब भाती है यह एक निर्जन क्षेत्र के जैसे लगता जहां दूर-दूर तक कोई नहीं दिखता है यहां पर आकर एक सुकून सा मिलता है।
यह स्‍पीति सर्किट का एक केन्‍द्रबिन्‍दु है जहां से लाहौल-स्‍पीति की बाकी सारी जगाहों का घूमा जा सकता है जैसे कि चन्‍द्रताल लेक, हिक्किम, पिन वैली नेशनल पार्क आदि।

4. की गोम्‍पा अथवा की मोनेस्‍ट्री (Key Gompa/monestry spiti valley)

की मोनेस्‍ट्री जिसे की गोम्‍पा के नाम से भी जाना जाता है यह हिमाचाल प्रदेश में काजा से 12 किलोमीटर दूर समुद्र तल से लगभग 13500 फिट की उंचाई पर स्थित है। यह गोम्‍पा स्‍पीति के ठण्‍डे रेगिस्‍तान में एक किले के समान दिखाई देता जिसके चारों ओर बर्फ के पहाड़, ग्‍लेशियर और दूर-दूर तक सिर्फ बर्फ की चादर ही दिखाई देती है इस मठ को देखने के लिए प्रत्‍येक वर्श हाजरों लोग आते हैं।

की गोम्‍पा जाने का सबसे उचित समय गर्मियों का होता है क्‍योंकि सर्दियों मे यहां का तापमान -40 तक पहुंच जाता है इसलिए जून से लेकर लगभग सितम्‍बर तक का सबसे उचित समय माना जाता है। जून-जुलाई में ही चम नाम का वार्सिक उत्‍सव बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है।

इस मठ का निर्माण रिंगछेन संगपो ने 11वीं सताब्‍दी में करवाया था मललब यह मठ एक हजार साल पुराना है। यह मठ स्‍थापत्‍य कला और वास्‍तुकला की बेमिसाल नक्‍काशी को दर्शाता है इसके अन्‍दर बनी हुई पेंटिंग्‍स अपने आप में बेमिसाल हैं। इस गोम्‍पा में अनेकों बार आक्रमण हुए है – 17वीं सताब्‍दी में मंगोलो ने आक्रमण किया, 18वीं सदी में लद्दाख और कुल्‍लू की रियासतों ने भी इसे काफी नुकसान पहुंचाया उसके बाद गुलाम खान और रहीम खान ने डोगरा की लड़ाई में भी काफी क्षति पहुंचायी थी। यह मठ भारत के सबसे बड़े और सबसे पुराने मठों में से एक है जहां दुनिया भर से सैकड़ों क्षात्र शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं।

5. पिन वैली नेशनल पार्क हिमाचल प्रदेश (Pin Valley National Park Himachal Pradesh)

पिल वैली नेशनल पार्क हिमाचल प्रदेश के स्‍पीति जिले में काजा के निकट स्‍थित है जो कि लाहौल-स्‍पीति के ठण्‍डे रेगिस्‍तान में पड़ता है। यह नेशनल पार्क समुद्र तल से 3500 मीटर से लेकर 6000 मीटर तक की उंचाई पर है। इस नेशनल पार्क में वर्स के ज्‍यादतर महीनें बर्फ से ढका रहता है।

पिन वैली नेशनल पार्क जाने का उचित समय समर टाइम यानी मई से लेकर अक्‍टूबर तक और विंटर टाइम यानी दिसंबर से मार्च तक का सबसे उचित समय होता है।
सर्दियों में पिन वैली नेशनल पार्क का तापमान -22 से लेकर -2 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है वहीं गर्मियों की बात करें तो 15 डिग्री से लेकर 20 डिग्री सेल्सियस तक रहता है।


पिन वैली के ट्रेक के लिए शिमला या मनाली से काजा पहुंचना होगा उसके बाद काजा से ही कुछ किमी की दूरी पर मिक्किम विलेज तक जाना होगा फिर यहीं पर से इस नेशलन पार्क के लिए 10 किलोमीटर की ट्रेकिंग करनी पड़ती है।
इस वैली में कुछ दुर्लभ और जो विलुप्‍त होने की कगार पर जो प्राणी और पक्षी है देखे जा सकते हैं जैसे कि हिम तेंदुआ, हिमालयन आइबैक्‍स, तिब्‍बती भेडि़या, हिममुर्ग, लाल लोमड़ी, पिका, गोल्‍डन ईगल, टंगरोर, भरल व उनी खरहा आदि पशु-पक्षी देखे जा सकते हैं। यह सभी प्राणी बहुत कम मात्रा में पाये जाते है जबकि पिन वैली नेशनल पार्क क्षेत्रफल की दृष्टि से बहुत बड़ा और बहुत अधिक उंचाई होने के कारण बहुत कम ही देखने को मिलते हैं।
यह नेशनल पार्क अल्‍पाइन पेड़ों के लिए भी जाना जाता है इसके अलावा विभिन्‍न प्रकार की वनस्‍पतियॉं भी पाई जाती हैं जिनमें से प्रमुख है- सलमपंजा, रतनजोता और सोमलता आदि कई प्रकार की वनस्‍पतियॉं भी पाई जाती हैं।

6. हिक्किम विलेज हिमाचल प्रदेश (hikkim village himachal pradesh)

हिक्किम विलेज हिमाचल प्रदेश के स्‍पीति रीजन में समुद्र तल से 4440 मीटर की उंचाई पर स्‍थित है जो दुनिया का सबसे उंचे गॉंवों में से एक है। इस गॉंव में दुनिया का सबसे उंचा पोलिंग स्‍टेशन होने के साथ ही विश्‍व का सबसे उंचा पोस्‍ट ऑफिस भी है। इस गॉंव में ज्‍यादातर बुद्घिष्‍ठ लोग ही रहते हैं। दुर्गम रास्‍तों के कारण यह गॉव अभी भी भारत से पूरी तरह जुड़ा नहीं है मतलब भारत सरकार की सेवओं का बहुत कम ही लाभ यहां के लोगों का मिल पाता है।

इस गॉं तक जाने के लिए सबसे पहले सिमला अथवा मनाली से काजा जाना हेागा काजा से इस गॉंव की दूरी 45 किलोमीटर है। हिक्किम जाने का सबसे उचित समय मई से लेकर अक्‍टूबर तक का होता है क्‍योंकि इस समय मौसम बेहद अनुकूल होता जबकि सर्दियों में यहां का तापमान – 22 डिग्री तक चला जाता है और भारी बर्फबारी के कारण रास्‍ते भी अक्‍सर बंद ही होते हैं।
इस गॉंव में कोई भी होटल की सुविधा नहीं है इसलिए होम स्‍टे ले सकते हैं यहां के लोग बहुत सीधे-साधे और सरल प्रवृत्ति के हैं इसलिए आप यहां बेझिझक रूक सकते हैं और स्‍थानीय लोगों के बनाये हुए व्‍यंजनों का आनंद भी ले सकते हैं। अगर आप दुनिया की भीड़-भाड से एक सुकून की तलास में जाना चाहते हैं तो यह डेस्टिनेशन आपके लिए परफेक्‍ट है।

7. कुंजुम पास अथवा कुंजुम दर्रा (kunzum pass spiti valley himachal pradesh)

कुंजुम पास अथवा कुंजुम दर्रा भारत के सबसे उंचे दर्रों में से एक है इस पास की उंचाई समुद्र तल से लगभग 15000 फिट है। यहीं पर कुंजुम देवी का मंदिर है मान्‍यता है कि देवी की परिक्रमा करने से सम्‍पूर्ण यात्रा सुगम हो जाती है।

यहां से प्रकृति के अद्भुत दृश्‍य देखने को मिलते हैं। बारा-सिगड़ी ग्‍लेशियर जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ग्‍लेशियर है इसकी खूबसूरती देखने लायक है इसके अलावा बर्फ की चादर से ढ़की चन्‍द्रभग्‍गा की श्रेणी चार चॉंद लगा देती है। यह दर्रा मनाली और स्‍पीति घाटी को जोड़ता है सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण यह रास्‍ता बंद हो जाता है।

8. किब्‍बर हिमाचल प्रदेश (kibber spiti valley himachal pradesh)

यह गॉंव स्‍पीति वैली में बसा एक बेहद खूबसूरत गॉंव है जो 4270 मीटर की उंचाई पर स्थित काजा से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्‍थित है। यह गॉंव अपने खूबसूरत प्राकृतिक नजारों और बौद्ध मठों के लिए प्रसिदृध है। किब्‍बर भारत के सबसे छोटे और सबसे दूरस्‍थ गॉंवों में से एक है जहां पर लगभग 80 घर है और लोगों की सख्‍या करीब 400 है। किब्बर के पास घूमन वाले स्‍थान है- कई मठ, चिचम ब्रिज, किब्‍बर वन्‍य जीव अभ्‍यारण आदि।

9. टाबो विलेज मोनेस्‍ट्री ( tabo village monestry spiti valley himachal pradesh)

टाबो विलेज हिमाचल प्रदेश के स्‍पीति वैली में स्थित लगभग 11000 फीट की उंचाई पर बसा है। इसी गॉंव में स्‍पीति नदी के किनारे विश्‍व प्रसिद्ध टाबो मोनेस्‍ट्री है जिसे हिमालय की अजंता भी कहा जाता है। इस मठ का निर्माण 10वीं शताब्‍दी के पास हुआ था। यह मठ लगभग 6300 वर्गमीटर में फैला हुआ है जो भारत और तिब्‍बत की स्‍थापत्‍य कला पर आधारित है। इसके अलावा यह मठ अपनी वास्‍तुकला के लिए भी जाना जाता है इस मठ में मूर्तिकला और चित्रकला भी देखने को मिलती है इसी कारण इसे हिमालय की अजंता कहा जाता है।

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